लेखनी प्रतियोगिता -10-Feb-2022 गुड़िया
❤❤❤❤❤❤🌷 ॐ 🌷❤❤❤❤❤❤
नजरें तुम पर वार हो गई, दिल जिगर संसार हो गई,
कल छोटी सी गुड़िया थी, तुम कितनी समझदार हो गई,
नन्हे नन्हे पैरों से मेरे, घर आंगन तुम आई थी,
तेरी सूरत देखकर मै,मन ही मन मुस्काई थी,
तुमही मेरी घर की रौनक, तुम ही मेरी परछाई थी,
तुम ही मेरे दिल की धड़कन, तुम दिल में समाई थी,
छोटे-छोटे पग से तुमको, मैंने चलना सिखलाया था,
नटखट चंचल चाल देखकर, मन मेरा मुस्काया था,
तुमने ही तो मेरा जीवन, खुशियों से महकाया था,
जीवन के हर एक पल को,खुशनुमा बनाया था,
कल थोड़ी नादान थी, अब थोड़ी समझदार हो गई,
मासूम से चेहरे की मुस्कान ,मेरे दिल के पार हो गयी,
अपने मन की जब तुम मुझको,सारी बात बताती हो,
अच्छा लगता है मुझको ,जब गले से मुझे लगाती हो,
बड़े प्यार से मैं तुमको जब सही राह दिखलाती हूं,
कभी तुम्हारे साथ खेलती ,कभी सख्त हो जाती हूं,
मां और बेटी का ये रिश्ता, बड़ा ही प्यारा होता है,
समस्त रिश्तो से हटकर ये,बड़ा ही न्यारा होता है,
कभी कभी दोस्त की भूमिका, तेरे साथ निभाती हूं
और कभी मैं मां बनकर तुमको ,सही राह दिखाती हूं।
संगीता वर्मा✍✍
राजीव भारती
11-Feb-2022 10:24 AM
जी अतीव सुन्दर प्रस्तुति।
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Sudhanshu pabdey
11-Feb-2022 10:08 AM
Very beautiful
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Shrishti pandey
11-Feb-2022 09:34 AM
Nice
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